श्री आई.वी.शर्मा को भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग का 38 वर्ष का अनुभव है । आपके अनुभव में, अनुसंधान व विकास, निर्माण, घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार-विकास, परियोजना प्रबंधन, ऑफसेट प्रबंधन रणनीतिक-प्रबंधन, फैक्टरियों की संरचना तथा जे.वी. के गठन से संबंधित प्रकार्य शामिल हैं ।आपने इन्फ्रास्टक्चर विनियमन और पुन:संरचना पर विशेष रूप से विद्युत क्षेत्र में व्यापक रूप से काम किया । दक्षिण एशिया, विशेष रूप से भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश और पाकिस्तान में आप क्षमता-निर्माण तथा तकनीकी-सहायता के लिए रीसोर्स-पर्सन रही हैं ।
बी.ई.एल. के निदेशक के रूप में, श्री शर्मा ने, 1800 अभियंताओं के एक दल के अध्यक्ष थे और उसे रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के मार्ग पर अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । श्री शर्मा को, तकनीकी-विकास,उत्पाद-विकास, उत्पादकता संवर्धन और तकनीकी मानव-शक्ति के विकास की अनेक उपलब्धियों का श्रेय दिया जाता है । अनुसंधान एवं विकास तथा तकनीकी विकास में, उनकी अध्यक्षता के तहत, बी.ई.एल. ने अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किये जिनमें नवप्रवर्तन हेतु रक्षा मंत्री-पुरस्कार, आर एंड डी के लिए स्कोप तथा सोडेट पुरस्कार । उनकी उपलब्धियों के लिए, श्री शर्मा को सार्वजनिक उपक्रमों में, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर में सर्वश्रेष्ठ योगदान हेतु ए.ओ.सी. पुरस्कार से सम्मानित किया गया । श्री शर्मा, आई.आर.एस.आई (अंतर्राष्ट्रीय भारतीय रडार सिंपोंजियम) के अध्यक्ष तथा ई.डब्ल्यु.सी.आई. के सह-अध्यक्ष थे । आप एल.आर.डी.ई. की, परियोजना प्रबंधन संस्थान की सलाहकार समिति तथा अनुसंधान समिति के सदस्य भी थे । श्री शर्मा रक्षा अनुसंधान तथा विकास संगठन, भारत के अन्य अनुसंधान प्रयोगशालाओं तथा अनेक शैक्षिक संस्थानों से दीर्घकाल तक जुड़े रहे । आप आई.ई.टी.ई. के फेलो थे । आपने एफएमएस दिल्ली से, इलेक्ट्रॉनिक्स व कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग तथा एमबीए किया था । |
